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मल्टी ऑर्गन फेलियर के कारण लता मंगेशकर का 92 साल की उम्र में निधन, आज सुबह 8:12 बजे ली अंतिम सांस

Lata Mangeshkar Dies: महान गायिका लता मंगेशकर का रविवार सुबह निधन हो गया है. वह 92 साल की थीं. लता मंगेशकर का इलाज आठ जनवरी से ब्रीच कैंडी अस्पताल में किया जा रहा था.


महान गायिका लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) का रविवार सुबह निधन हो गया. बीते दिन उनका स्वास्थ्य बिगड़ गया था, जिसके बाद उन्हें दोबारा वेंटिलेटर पर रखा गया था और वह लगातार चिकित्सकों की निगरानी में थीं. दरअसल, 92 साल की लता मंगेशकर को कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमित पाए जाने के बाद आठ जनवरी को ब्रीच कैंडी अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में भर्ती कराया गया था, 

जहां डॉ प्रतीत समदानी और चिकित्सकों की टीम की देखरेख में उनका इलाज चल रहा था. लता मंगेशकर का अंतिम संस्कार आज शाम को राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा. इस बीच अस्पताल परिसर के बाहर अवरोधक लगाए गए हैं और सुरक्षा कड़ी कर दी गई और वहां मीडियाकर्मियों का जमावड़ा लगा हुआ है.

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ट्वीट कर कहा, ‘देश की शान और संगीत जगत की शिरमोर स्वर कोकिला भारत रत्न लता मंगेशकर जी का निधन बहुत ही दुखद है. पुण्यात्मा को मेरी भावभीनी श्रद्धांजलि. उनका जाना देश के लिए अपूरणीय क्षति है. वे सभी संगीत साधकों के लिए सदैव प्रेरणा थी. 30 हजार से अधिक गाने गाकर उनकी आवाज ने संगीत की दुनिया को सुरों से नवाजा है. लता दीदी बेहद ही शांत स्वभाव और प्रतिभा की धनी थी. सब देशवासियों की तरह मेरे लिए भी उनका संगीत बहुत ही प्रिय रहा है, मुझे जब भी समय मिलता है मैं उनके द्वारा गाए गए नगमें जरूर सुनता हूं. ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे और परिजनों को संबल दे. ॐ शांति.

समदानी ने इससे पहले 29 जनवरी को कहा था कि गायिका की तबीयत में मामूली सुधार हुआ है और उन्हें वेंटिलेटर से हटाकर आईसीयू में निगरानी में रखा गया है. नवंबर 2019 में भी सांस लेने में कठिनाई के चलते लता मंगेशकर को इसी अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उस दौरान उनके निमोनिया से ग्रस्त होने का पता चला था और 28 दिन के उपचार के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी.

भारतीय सिनेमा की बेहतरीन गायिकाओं में शुमार लता ने 13 साल की उम्र में 1942 में अपने करियर की शुरूआत की थी. उन्होंने विभिन्न भारतीय भाषाओं में अब तक 25 हजार से अधिक गाने गाए हैं. सात दशक के अपने करियर में उन्होंने कई ऐसे गाने गाए हैं, जो आज भी लोगों के जेहन में हैं. इनमें ‘‘अजीब दास्तां है ये’ ‘प्यार किया तो डरना क्या’ और ‘नीला आसमां सो गया’ शामिल है.

लता को भारत की ‘सुर साम्राज्ञी’ के नाम से जाना जाता है और उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से भी नवाजा जा चुका है. इसके अलावा लता को पद्म भूषण, पद्म विभूषण और दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है.

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