वैश्विक महामारी कोरोनाकाल में मोबाइल ऑनलाइन पढ़ाई का महत्वपूर्ण यंत्र बन गया है। बच्चे घर बैठे ऑनलाइन क्लास से जुड़कर पढ़ाई कर रहे हैं। यह तकनीक किसी वरदान से कम नहीं है, लेकिन मोबाइल की वजह से किसी की जान चली जाएगी, यह बात कोई नहीं मानेगा। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में मोबाइल पर बात करने से मना करने पर दो नाबालिग बच्चियों ने अपनी ही बुआ की टांगी (धारदार हथियार) से मारकर हत्या कर दी।
गंभीर अपराध को अंजाम देने के बाद दोनों बच्चियां घर पर सो गई। सुबह जब घर के लोग जागे तब इस हत्या की जानकारी हुई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने जांच शुरू की तब इस रहस्य से पर्दा उठा। पुलिस पूछताछ में जो बातें सामने आई उससे सभी के होश उड़ गए। मिली जानकारी के मुताबिक रायगढ़ जिले के चक्रधरनगर थाना क्षेत्र के ग्राम निरंजनपुर-सपनई में तीन फरवरी की रात दो सगी बहनों ने मोबाइल चलाने से मना करने से नाराज होकर अपनी सगी बुआ के सिर पर टांगी मारकर हत्या कर दी। बुआ की हत्या करने वाली दोनों बच्चियां नाबालिग हैं और स्कूली छात्राएं हैं। पुलिस ने बताया कि बच्चियों की बुआ तुलसी अविवाहित है।
दोनों उन्हीं के साथ घर पर रहती थी। बुआ इन बच्चियों को मोबाइल पर गेम खेलने, सहेलियों से बात करने मना करती थी। तीन फरवरी की सुबह भी ऐसा ही हुआ था। ये बच्चियां बुआ को बिना बताए ही मोबाइल लेकर स्कूल चली गई। स्कूल से लौटते हुए दोनों ने संदेह जताया कि घर पहुंचने पर बुआ डांटेगी। तब दोनों ने रास्ते में एक जगह बैठकर उसकी हत्या की प्लानिंग की।
आधी रात को उठकर टांगी से हमला
नाबालिग बच्चियों ने रास्ते में जो आशंका जताई थी वह सही साबित हुआ। घर पहुंचते ही बुआ ने नाबालिगों को काफी डांटा। उसके बाद रात 8 से 9 के बीच बच्चियां फिर मोबाइल खेलने लगी। रात को बुआ ने छोटी बच्ची को मोबाइल के लिए ही न सिर्फ डांटा बल्कि दो थप्पड़ भी जड़ दिए। इसके बाद घर के सभी लोग सो गए। रात 12 से 1 बजे के बीच छोटी बच्ची उठी और सो रही अपनी बुआ के सिर पर टांगी से कई वार कर दिया। बुआ के चिल्लाने की आवाज सुनकर बड़ी बहन भी उठ गई। इसके बाद बुआ पर और प्रहार कर दिए। हत्या करने के बाद दोनों चुपचाप जाकर सो गए।
पुलिस के डॉग रूबी ने दिया अहम सुराग
शुक्रवार की सुबह जब घर के अन्य लोग सोकर उठे तो उन्होंने तुलसी का शव खून से लथपथ हालत में देखा। इसके बाद घर के लोगों ने पुलिस को इसकी सूचना दी। मौके पर पुलिस पहुंची तब भी दोनों बहनों ने घटना से इनकार कर रही थीं। बंद मकान में हत्या पर पुलिस को घरवालों पर ही संदेह था। पुलिस ने बारी-बारी से घर के लोगों से कड़ाई से पूछताछ की। पुलिस ने डॉग रुबी की मदद ली, जिसने महत्वपूर्ण सुराग दे दिया। दोनों नाबालिगों पर पुलिस ने सख्ती बरती तो उन्होंने अपराध स्वीकार कर लिया। पुलिस ने दोनों बाल अपचारियों को हिरासत में लेकर बाल संप्रेषण गृह भेज दिया गया है।