प्रेस वार्ता में दोनों नेता चलिए और बैठिए कहते रहे, जो एक बड़े सवाल पर विपक्ष की असहमति को सामने लेकर आय़ा कि पीएम पद का उम्मीदवार बनाम नरेंद्र मोदी कौन होगा?
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में सब कुछ ठीक चल रहा था, जब तक कि पत्रकारों ने पीएम पद के उम्मीदवार के नाम पर सवाल नहीं पूछा, केसीआर से पूछा गया कि क्या वह पीएम पद के लिए नीतीश कुमार का समर्थन करेंगे, जिन्होंने पिछले महीने बीजेपी को छोड़कर तेजस्वी यादव, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के साथ नई सरकार बनाई है. ये सुनते ही सवाल-जवाब वहीं खत्म करने की मंशा से नीतीश कुमार उठ खड़े हुए.
नीतीश कुमार तब भी खड़े थे जब केसीआर ने संवाददाताओं से कहा कि "मैं बैठा हूं, आप भी बैठो." फिर सवाल कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर मुड़ गए कि क्या वे विपक्ष की पसंद हो सकते हैं. इस पर नीतीश कहते हैं कि ये सवाल काहे पूछ रहे हैं. केसीआर संवाददाता से कहते हैं कि आप होशियार हो... मैं आपसे ज्यादा होशियार हूं... क्यों मुंह से नाम निकलवाना चाहते हैं. इसके बाद नीतीश फिर उठ खड़े हुए... और केसीआर उनसे बैठने का आग्रह करते दिखे.
केसीआर ने कहा कि हम पीएम पद के उम्मीदवार को लेकर बैठक करेंगे जो बात निकलकर आएगी आपको बताएंगे, क्योंकि बिना ब्राह्मण के तो कोई शादी होती ही नहीं है. इसके बाद नीतीश कहने लगे कि इसके चक्कर में मत पड़िए. केसीआर बार-बार कहते रहे कि नीतीश जी बैठिए ना, बैठिए ना, नीतीश कुमार ने जोर देकर कहा कि चलो चलते हैं.. इस सब में मत पड़ो और उन्होंने बैठने के केसीआर के एक और अनुरोध को दृढ़तापूर्वक नजरअंदाज कर दिया.
वीडियो शेयर करते हुए भाजपा नेताओं ने कहा कि नीतीश कुमार ने केसीआर का "अपमान" किया है. वहीं भाजपा नेता सुशील मोदी ने कहा कि "केसीआर ने नीतीश कुमार को पीएम उम्मीदवार के रूप में स्वीकार नहीं किया और सीधे तौर पर इनकार कर दिया. नीतीश कुमार ने बार-बार उठकर इस प्रेस कॉन्फ्रेंस से बाहर आने की कोशिश की लेकिन केसीआर ने उनसे बैठने का आग्रह करते रहे.