UP Madarsa survey: ओवैसी ने कहा, कई मदरसा यूपी मदरसा बोर्ड के तहत हैं. आर्टिकल 30 के तहत सरकार हमारे अधिकारों में दखल नहीं दे सकती. वे मुसलमानों को परेशान कर रहे हैं.
आगे ओवैसी ने कहा कि जब सरकार गैर मान्यता प्राप्त मदरसों को कोई सहायता नहीं देती तो सर्वे क्यों करा रही है. उन्होंने कहा, 'कई ऐसे प्राइवेट मदरसे हैं, जिनका सरकार से कोई संबंध नहीं है. जो यूपी मदरसा बोर्ड के तहत रजिस्टर्ड हैं, उनका सरकार से ताल्लुक है. ' AIMIM नेता ने कहा कि मैं अपना मदरसा खोलता हूं. इस्लामिक तौर तरीकों की पढ़ाई के लिए तो उसका सरकार से कोई लेना-देना ही नहीं है और संविधान के आर्टिकल 30 के तहत मैं अपनी पसंद के मदरसे खोलूं, एजुकेशन इंस्टिट्यूट खोलूं. इसे लेकर सरकार सर्वे क्यों कराना चाहती है? क्या सरकार उनको सैलरी दे रही है. सरकार चार साल से मदरसों को सैलरी नहीं दे पा रही है.
सर्वे में क्या होगा?
राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने बताया कि सर्वेक्षण में मदरसे का नाम, उसका संचालन करने वाली संस्था का नाम, मदरसा निजी या किराए के भवन में चल रहा है इसकी जानकारी, मदरसे में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं की संख्या, पेयजल, फर्नीचर, बिजली सप्लाई, शौचालय की व्यवस्था, शिक्षकों की संख्या, मदरसे में लागू पाठ्यक्रम, मदरसे की आय का स्रोत और किसी गैर सरकारी संस्था से मदरसे से संबंधित सूचनाएं इकट्ठा की जाएंगी. गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में इस वक्त कुल 16,461 मदरसे हैं जिनमें से 560 को सरकारी अनुदान दिया जाता है. प्रदेश में पिछले छह साल से नए मदरसों को अनुदान सूची में नहीं लिया गया है,