पाकिस्तान में महंगाई और उसके असर को लेकर एक शोध संगठन ‘गैलप पाकिस्तान’ ने एक सर्वे किया है. जिसके निष्कर्षों में कहा गया है कि इस्लामाबाद में 10 में से 9 लोगों (89 फीसद) ने यह स्वीकार किया है कि वे होटलों और रेस्तरां आदि में जाकर बाहर का खाना नहीं खा रहे. महंगाई के कारण यह शौक छोड़ देना ही बेहतर है. लोगों का कहना है कि होटल उद्योग पर महंगाई का असर देखा जा रहा है. हालांकि 9 प्रतिशत लोगों ने यह कहा है कि वे पहले की तरह ही होटल, रेस्तरां आदि में जाकर भोजन करते हैं. महंगाई के कारण कुछ धन अधिक खर्च करना पड़ता है, लेकिन इसका उनकी खानपान की आदत पर कोई खास अंतर नहीं पड़ा है.
1970 के दशक के बाद से अब तक की सबसे ऊंची महंगाई दर
सांख्यिकी ब्यूरो के एक प्रवक्ता ने कहा कि 1970 के दशक में मासिक रिकॉर्ड शुरू होने के बाद से मुद्रास्फीति, ब्यूरो द्वारा दर्ज की गई साल-दर-साल सबसे अधिक वृद्धि थी. उन्होंने कहा, ‘हमारे पास जो डेटा है, उसमें दर्ज की गई यह अब तक की सबसे ऊंची महंगाई दर है.’ सरकारी एजेंसी ने आगे खुलासा किया कि मार्च में वार्षिक खाद्य मुद्रास्फीति शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए क्रमशः 47.1 प्रतिशत और 50.2 प्रतिशत थी, जबकि मुख्य मुद्रास्फीति, जो खाद्य और ऊर्जा को अलग करती है, शहरी क्षेत्रों में 18.6 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्रों में 23.1 प्रतिशत थी.