मुंबई में प्रदूषण समस्या को दूर करने के लिए बीएमसी 15 दिसंबर के बाद क्लाउड सीडिंग करेगी। इसके लिए टेंडर जल्द ही जारी होगा और 15 दिसंबर के बाद कृत्रिम बारिश की शुरुआत हो सकेगी। यह प्रयोग अगले 15 दिनों तक प्रदूषण समस्या से निपटने में मदद करेगा। यह प्रयोग लगभग 40 से 50 लाख रुपये का खर्च आएगा।
हाइलाइट्स
1 एक बार के प्रयोग पर 40 से 50 लाख रुपये खर्च
2 प्रयोग की सफलता पर 50-50 चांस का अनुमान
3 दिल्ली में हाल ही में आर्टिफिशियल रेन कराई गई थी
मुंबई : प्रदूषण की बढ़ती समस्या से निपटने के लिए बीएमसी 15 दिसंबर के बाद मुंबई में क्लाउड सीडिंग कराएगी। बीएमसी के अडिशनल कमिश्नर डॉ. सुधाकर शिंदे ने बताया कि इस संबंध में अगले सप्ताह टेंडर जारी किया जाएगा। अगले 15 से 20 दिनों में क्लाउड सीडिंग के लिए सभी प्रोसेस पूरे हो जाएंगे और 15 दिसंबर के बाद मुंबई में कृत्रिम बारिश कराई जा सकेगी।
शिंदे ने कहा कि दुबई में अक्सर कृत्रिम बारिश का प्रयोग होता है, हम उनके संपर्क में हैं। कृत्रिम बारिश के लिए आवश्यक वातावरण, समय, स्थान का निर्धारण मौसम और बादल को देखने के बाद ही किया जाएगा। इस प्रक्रिया में 3 से 4 घंटे का समय लग सकता है। मुंबई में क्लाउड सीडिंग का एक बार प्रयोग सफल होने पर अगले 15 दिनों तक प्रदूषण की समस्या से राहत रहेगी। इस प्रयोग पर एक बार का खर्च 40 से 50 लाख रुपये आएगा। शिंदे ने कहा कि दुबई में कृत्रिम वर्षा के प्रयोग लगातार किए जाते हैं। प्रशासन और अधिकारी कृत्रिम बारिश करने को लेकर वहां के विशेषज्ञों से सलाह ले रहे हैं। वहां के प्रयोग का अध्ययन यहां के प्रयोग के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकता है, क्योंकि दोनों जगहों का मौसम सामान्य है। हालांकि, इसके सफल होने को लेकर बीएमसी अधिकारी ने 50-50 चांस का अनुमान जताया।
गौरतलब है कि बीएमसी ने वर्ष 2009 में पानी की समस्या दूर करने के लिए कृत्रिम बारिश कराई थी। उस समय लगभग 8 करोड़ रुपये खर्च करने के बावजूद बीएमसी को पानी की समस्या से निपटने का कोई मदद नहीं मिली थी। वर्ष 2012 में भी मुंबई में पीने के पानी की समस्या से निपटने कृत्रिम बारिश की योजना बनाई गई थी।