दरअसल, दिल्ली पुलिस ने चारों आरोपियों की 15 दिन की रिमांड की मांग की थी और कहा था कि हमें कुछ अहम सबूत मिले हैं. पुलिस ने कहा कि 7 दिनों में हमें कुछ अहम सबूत मिले हैं और जांच से जुड़ीं कुछ अहम बातें ओपन कोर्ट में नहीं बता सकते हैं. यह मामला बहुत सेंसटिव है. इसके बाद कोर्ट ने मामले में अरेस्ट सभी आरोपियों से बातचीत की.
दिल्ली पुलिस ने कहा कि 7 दिन की रिमांड के दौरान हम आरोपियों को कई जगह ले जा चुके हैं. दिल्ली पुलिस ने कहा कि जो सबूत मिले हैं, उनका आरोपियों के साथ मिलान करना है. सोशल मीडिया की जांच करनी है. दिल्ली पुलिस ने कहा कि यह इतना आसान केस नहीं है और इसमें कई आधार एक-दूसरे से जुड़े हैं.
दिल्ली पुलिस ने कहा कि इस मामले से जुड़े डीप रूट का पता लगाना है. दिल्ली पुलिस ने कहा कि कौन जुड़ा है, कहां से मदद मिली है, यह सब पता लगाना है. इसके बाद पटियाला हाउस कोर्ट ने चारो आरोपियों को 5 जनवरी तक दिल्ली पुलिस के रिमांड पर भेज दिया.
सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने चारों आरोपियों के नया सिम कार्ड जारी करवाने की इजाजत मांगी है. दिल्ली पुलिस ने कहा कि आरोपियों ने घटना के बाद अपना सिम कार्ड नष्ट कर दिया है. हमें जानकारी के लिए नया सिम कार्ड, क्लोन के रूप में जारी करवाना चाहते हैं, जिससें हमें मोटिव पता चल सके. दिल्ली पुलिस ने चारों आरोपियों की साइको एनालिसिस करवाने की मांग की है.
आखिर क्या हुआ था
गौरतलब है कि साल 2001 में संसद पर हुए आतंकवादी हमले की बरसी के दिन पिछले बुधवार को दो व्यक्ति- सागर शर्मा और मनोरंजन डी शून्यकाल के दौरान दर्शक दीर्घा से लोकसभा कक्ष में कूद गए और केन से पीले रंग की गैस छोड़ी. हालांकि, सांसदों ने उन्हें पकड़ लिया. लगभग उसी समय, नीलम और अमोल शिंदे नामक दो प्रदर्शनकारियों को संसद भवन के बाहर विरोध प्रदर्शन के बाद हिरासत में लिया गया. संसद की सुरक्षा में सेंध मामले में चारों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया तथा उन पर कड़े गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया.