इसी के साथ निलंबित सांसदों की संख्या 146 हो गई है. इनमें कुल 100 सांसद लोकसभा के हैं.
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज प्रश्नकाल समाप्त होते ही तीनों सांसदों का नाम लेते हुए कहा कि आप बार-बार सदन की कार्रवाई बाधित कर रहे हैं, तख्तियां दिखा रहे हैं, नारेबाजी कर रहे हैं और कागज फाड़कर लोकसभा कर्मियों पर फेंक रहे हैं. यह सदन की मर्यादा के विरुद्ध है.
क्या बोले ओम बिरला?
स्पीकर ने नारेबाजी कर रहे विपक्षी सदस्यों से कहा, ‘‘मैं कभी बिना कारण के किसी सदस्य को निलंबित नहीं करना चाहता. आपको जनता ने चुना है. आपको अधिकार है यहां चर्चा करने का और अपनी बात रखने का. आप लोग अपनी सीट पर जाइए, मैं आपको शून्यकाल में आपकी बात रखने का अवसर दूंगा.’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह तरीका सही है क्या? सदन की यही मर्यादा है क्या? (सदस्य) नियोजित तरीके से निलंबित करने की बात कर रहे हैं, यह सही नहीं है.’’
सांसदों के निलंबन का सिलसिला 14 दिसंबर को शुरू हुआ था, जब विपक्षी सांसद संसद की सुरक्षा में सेंध के मामले में गृह मंत्री अमित शाह से बयान देने की मांग उठाई. 13 दिसंबर को दोपहर में संसद की सुरक्षा में बड़ी चूक का मामला सामने आया था, जब लोकसभा में दो युवक दर्शक दीर्घा से फ्लोर पर कूद गए थे और केन के जरिए धुंआ फैला दिया था. इस मामले में अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
कब कितना निलंबन?
सदन की अवमानना के मामले में 14 दिसंबर को 13, 18 दिसंबर को 33, 19 दिसंबर को 49 और 20 दिसंबर को दो विपक्षी सदस्यों को निलंबित किया गया था. वहीं राज्यसभा से 14 दिसंबर को एक और 18 दिसंबर को 45 सांसदों को निलंबित किया गया था.
निलंबन के खिलाफ विपक्षी दलों ने आज दिल्ली के विजय चौक पर मार्च निकाला और सरकार पर तानाशाही के आरोप लगाए. वहीं सरकार का कहना है कि विपक्ष लगातार सदन की मर्यादा को तोड़ रहा है.
तय तारीख के मुताबिक संसद के शीतकालीन सत्र का अंतिम कार्यदिवस शुक्रवार (22 दिसंबर) को था. हालांकि, आज (गुरुवार) ही सदन की कार्यवाही अनिश्चिकाल के लिए स्थगित कर दी गई.