महाराष्ट्र- पुरानी जलविद्युत परियोजनाओं का होगा आधुनिकीकरण
अवधि पूरी कर चुकी जल विद्युत परियोजनाओं के नवीनीकरण एवं आधुनिकीकरण की नीति को हुई कैबिनेट बैठक में मंजूरी दे दी गई। बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने की। इस नीति के अनुसार, लीज, रेनोवेट, ऑपरेट एंड ट्रांसफर सिद्धांत पर जलविद्युत परियोजनाओं का नवीनीकरण, आधुनिकीकरण, क्षमता वृद्धि और जीवन काल बढ़ाया जाएगा।
(Maharashtra Old hydropower projects will be modernized)
इस नीति के कार्यान्वयन के लिए परियोजना की जल खपत के अनुसार जल विद्युत परियोजनाओं की दो श्रेणियां बनाई गई हैं। श्रेणी एक में वे परियोजनाएँ शामिल होंगी जिनका मुख्य उद्देश्य बिजली उत्पादन है। ऐसी परियोजनाओं का नवीनीकरण और आधुनिकीकरण महानिर्मिधि कंपनी द्वारा किया जाएगा। जबकि श्रेणी दो परियोजनाओं में सिंचाई और बिजली उत्पादन परियोजनाएं शामिल होंगी। इन परियोजनाओं के नवीनीकरण एवं आधुनिकीकरण के लिए निविदा प्रणाली अपनायी जायेगी।
507 करोड़ रुपये का राजस्व
सरकार द्वारा कोई पूंजी निवेश नहीं किया जायेगा। तो इन परियोजनाओं से सरकार को थ्रेशोल्ड प्रीमियम, अपफ्रंट प्रीमियम, 13% मुफ्त बिजली, लीज और इनटेक रखरखाव शुल्क आदि के रूप में हर साल 507 करोड़ रुपये का राजस्व मिलेगा।