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लालू परिवार मान लेता मेरी बात तो तेजस्वी होते बिहार के मुख्यमंत्री, असदुद्दीन ओवैसी ने खोला बड़ा राज

 उत्तर प्रदेश में साल 2022 में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। इसको लेकर सियासी दलों में गठजोड़ की बातें चल रही हैं। एक टीवी चैनल से बात करते हुए शुक्रवार को आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने पिछले साल नवंबर में सपन्न हुए बिहार विधानसभा चुनाव के संदर्भ में बड़ा राज खोला है।


हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि बिहार चुनाव के दौरान लालू प्रसाद यादव के राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने उनकी नहीं सुनी। अगर आरजेडी उनकी बातें मानता तो आज तेजस्वी यादव बिहार के मुख्यमंत्री होते। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मैंने इस संबंध में तेजस्वी की पार्टी से बात करने की काफी कोशिश की थी, पर कामयाबी नहीं हासिल हुई। इसी के चलते आज तेजस्वी यादव विपक्ष में बैठे हैं।


उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को आगामी विधानसभा चुनाव में फायदा पहुंचाने से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए ओवैसी ने कहा कि हमसे उन्हें (बीजेपी) लाभ नहीं नुकसान ही हो रहा है। उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान राजद ने हमारी बात नहीं मानी। अगर लालू परिवार ने हमारा कहा सुना होता तो आज तेजस्वी यादव सीएम की गद्दी संभाल रहे होते। ओवैसी ने कहा कि हमने इस संबंध में कई बार आरजेडी से बात करने की कोशिश की पर मेरी सुनी ही नहीं गई।


ओवैसी के लिए नई उम्मीद लेकर आया परिणाम

बता दें कि नवंबर 2020 में बिहार में विधानसभा चुनाव हुए थे। इलेक्शन में राजद, कांग्रेस, माकपा, भाकपा और भाकपा-माले ने महागबंधन में रहकर चुनाव लड़ा था। वहीं, असदुद्दीन की आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) ने अकेले चुनाव में हाथ आजमाया था। विधानसभा का परिणाम ओवैसी के लिए बिहार में नई उम्मीद लेकर आया। एआइएमआइएम ने पांच सीट जीत ली। सीमांचल की अमौर, कोचाधाम, जोकीहाट, बायसी और बहादुरगंज विधानसभा पर एआइएमआइएम ने कब्जा जमा लिया। अकेले 73 सीट जीतने के बाद अन्य दलों से बेहतर सहयोग ना मिल पाने के कारण राजद को विपक्ष में ही बैठना पड़ा।

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