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CBSE Term 1 Board Exams 2022: इस बार कक्षा 10 और 12 की परीक्षा में कोई छात्र नहीं होगा फेल, जानें कारण

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में बैठने वाले 33 लाख से ज्यादा छात्रों को एक बड़ी राहत देते हुए अभी तक किसी भी छात्र को फेल नहीं करने का फैसला किया है।

यह खासकर से उन छात्रों के लिए अच्छी खबर है, जो पहली बार बोर्ड परीक्षाओं में बैठे और उन्हें ये काफी कठिन लगी। दो बोर्ड परीक्षा सिस्टम की शुरुआत छात्रों के लिए नई थी। MCQs पर आधारित टर्म 1 की परीक्षा में स्टेप-मार्किंग के लिए भी जगह नहीं थी। फिर कई छात्रों ने ये भी चिंता जताई थी कि इस साल की बोर्ड परीक्षा रेगुलर एग्जाम से ज्यादा मुश्किल थी।


बोर्ड ने अभी तक किसी भी छात्र को पास या फेल नहीं करने का फैसला किया है। बोर्ड के अनुसार, टर्म 1 बोर्ड परीक्षा रिजल्ट में केवल नंबर होंगे। बोर्ड ने पहले कहा था कि छात्रों का मूल्यांकन केवल परीक्षा के लिए किया जाएगा और किसी भी छात्र को पास, फेल, रिपीटर या कंपार्टमेंट ग्रेड नहीं दिया जाएगा।

दूसरे टर्म की परीक्षा के बाद पास या फेल मेरिट लिस्ट भी दी जाएगी। टर्म 1, टर्म 2, और आंतरिक मूल्यांकन स्कोर को मिला कर ही छात्रों फाइनल रिजल्ट तैयार किया जाएगा।


CBSE परीक्षा नियंत्रक (EC) संयम भारद्वाज के मुताबिक, इससे बोर्ड परीक्षा में फेल होने वाले छात्रों की संख्या भी कम होगी, क्योंकि पहले टर्म के बाद छात्र खुद का बेहतर मूल्यांकन कर सकेंगे और जान सकेंगे कि उन्हें दूसरे टर्म की तैयारी के लिए कितनी और मेहनत की जरूरत है। उन्होंने PTI से पहले कहा था, "फेलियर रेट कम होगा और युवाओं के पास खुद को विकसित करने के ज्यादा अवसर होंगे। वे अपने स्कूल के काम पर ज्यादा ध्यान दे पाएंगे।"


सीबीएसई 10वीं, 12वीं के टर्म 1 बोर्ड परीक्षा के नतीजे जनवरी तक घोषित होने की संभावना है। बोर्ड ने इस साल स्कूलों से उसी दिन आंसर की चेक करने को कहा था। CBSE ने भी सहमति जताई थी और कहा था कि गलतियां हो सकती हैं, लेकिन बोर्ड के पास गलतियां को जांचने और अगर कोई हो तो सुधार करने के लिए एक सिस्टम है। इस बीच शिक्षकों ने OMR शीट को ऑफलाइन तरीके से चेक करने पर चिंता जताई थी। CBSE की तरफ से इंटरनल मूल्यांकन गाइडलाइंस भी दी गई थीं।


दूसरे टर्म की परीक्षा मार्च-अप्रैल 2022 में सेंटर्स पर हो सकती है और इसका फाइनल रिजल्ट ज्यादा मायने रखता है। अगर दूसरे टर्म के लिए परीक्षण covid-19 स्थिति या किसी और कारण से नहीं पाती है, तो साल के अंत के रिजल्ट देने के लिए टर्म-1 परीक्षा के अंकों का वेटेज बढ़ाया जाएगा।

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