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Cyclone Jawad: रात 12 बजे के बाद तूफान ‘जवाद’ दिखाएगा अपना खेल, 100 km की स्पीड से चलेंगी हवाएं, भूस्खलन की भी संभावना

मौसम विभाग की ओर से आगाह किया गया है कि निचले इलाकों के लोगों को सुरक्षित जगहों पर रहना चाहिए. आंधी हवा के कारण लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रहना चाहिए क्योंकि भूस्खलन होने की संभावना है.



कोरोना संकट के बीच साल 2021 के आखिरी महीने में भी चक्रवाती तूफान दस्तक देने जा रहा है. साइक्लोन जवाद (Cyclone Jawad) को लेकर भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (Indian Meteorological Department) ने देशभर में अलर्ट जारी कर रखा है. चक्रवात के बारे में अब चेतावनी दी गई है कि इस तूफान की रफ्तार 100 किमी प्रति घंटे रहने के आसार हैं और तेज हवाओं की वजह से पेड़ तथा बिजली के खंभे उखड़ सकते हैं.

आईएमडी अमरावती निदेशक स्टेला सैमुअल ने कहा कि पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना दबाव उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ सकता है और अगले 6 घंटों में यह एक चक्रवाती तूफान में बदल सकता है. इसके कल शनिवार (4 दिसंबर) की सुबह तक उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश और दक्षिण ओडिशा तट पर पहुंचने की संभावना है.

पेड़-बिजली के खंभे के उखड़ने की संभावना

साइक्लोन जवाद की गंभीरता के बारे में अमरावती के मौसम विभाग के निदेशक स्टेला सैमुअल ने कहा कि इसके बाद के 24 घंटों के दौरान उत्तर, उत्तर-पूर्व की ओर फिर से और ओडिशा तट के साथ आगे बढ़ने की संभावना है. इस दौरान निरंतर हवा की गति 80 से 90 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से रहेगी और इसके अधिकतम 100 किमी प्रति घंटे तक जाने की संभावना है. तेज हवा की वजह से पेड़ और बिजली के खंभे के उखड़ने की संभावना है.

मौसम विभाग की ओर से लोगों को आगाह करते हुए कहा गया है कि किसानों से अनुरोध है कि वे अपनी फसलों की सुरक्षा करें. निचले इलाकों के लोगों को सुरक्षित जगहों पर रहना चाहिए. चक्रवाती तूफान के कारण लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रहना चाहिए क्योंकि इससे भूस्खलन भी हो सकता है.

हल्की से तेज बारिश तक की चेतावनी

स्टेला सैमुअल ने यह भी बताया कि चक्रवाती तूफान की वजह से उत्तर तटीय आंध्र प्रदेश के अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश या गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है. मछुआरों को भी समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी जाती है क्योंकि बंगाल की खाड़ी के ऊपर 90 से 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है.

साइक्लोन जवाद की वजह से ओडिशा, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश के आसार जताए गए हैं, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ और खड़ी फसलों, विशेष रूप से धान को संभावित नुकसान पहुंचने की संभावना है. चक्रवात जवाद की वजह से होने वाले प्रतिकूल प्रभावों को रोकने के लिए ओडिशा सरकार ने दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं.

विशेष राहत आयुक्त प्रदीप कुमार जेना ने तूफान के बारे में तैयारियों के बारे में कहा कि सरकार तटीय जिलों में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), राज्य अग्निशमन सेवा और ओडिशा आपदा त्वरित कार्रवाई बल (ओडीआरएएफ) सहित 266 टीमों को तैनात करने की योजना बना रही है.

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