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23 व 24 फरवरी को 17 लाख शिक्षकों व गैर शिक्षक कर्मचारियों की हड़ताल

सभी के लिए सेवानिवृत्ति वेतन योजना लागू कर नई योजना को रद्द करने की मांग को लेकर राज्य में कम से कम 17 लाख सरकारी-अर्धशासकीय, शिक्षक और गैर-शिक्षण कर्मचारी 23 और 24 फरवरी को सांकेतिक हड़ताल पर रहेंगे। राज्य सरकार के कर्मचारी संघ ने सोमवार को श्रमिकों की मांगों के प्रति सरकार उदासीन रहने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दी है. इससे पहले 7, 8 और 9 अगस्त 2018 को तीन दिवसीय राज्यव्यापी हड़ताल का आह्वान किया गया था।


इस आंदोलन के बाद सातवां वेतन आयोग लागू हुआ। लेकिन अन्य मांगें लंबित रहीं। इसलिए राज्य सरकार ने वित्त राज्य मंत्री की अध्यक्षता में जनवरी 2019 में एक अध्ययन समिति का गठन किया था। इस समिति की कुछ बैठकें हुई। लेकिन नई पेंशन नीति को निरस्त किया जाए या नहीं, इस पर अभी अंतिम फैसला नहीं हुआ है। केंद्र सरकार, जैसा भी मामला हो, ने राष्ट्रीय पेंशन योजना के तौर-तरीकों में संशोधन किया है। केंद्रीय राज्य सरकार के कर्मचारियों के संघ के संयोजक विश्वास काटकर ने आरोप लगाया कि सरकार ने इस संबंध में कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिया है। इसलिए, हड़ताल का आह्वान करने का निर्णय लिया गया।


अन्य लंबित मांगें

बख्शी समिति का दूसरा खंड प्रकाशित होना चाहिए

केंद्र सरकार के अनुसार सभी भत्तों का भुगतान करें और सभी रिक्तियों को प्राथमिकता से भरें

बिना शर्त अनुकंपा के आधार पर करें नियुक्तियां, सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाकर 60 वर्ष करें

ग्रुप पदों को रद्द न करें, शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की सेवा में आने वाली समस्याओं का समाधान करें।

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