
महाराष्ट्र के बीड जिले के परली की एक अदालत ने 2008 के एक मामले में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है। गौरतलब है कि राज ठाकरे पर 2008 में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने के लिए आईपीसी की धारा 143, 109 और 117 और बॉम्बे पुलिस अधिनियम की धारा 135 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
इससे पहले 3 मई को सांगली की एक अदालत ने 2008 के मामले में राज ठाकरे के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था। अदालत ने मुंबई के पुलिस आयुक्त से ठाकरे को गिरफ्तार करने और उनके समक्ष पेश करने को कहा था। 2008 में, एक भर्ती परीक्षा में बैठने वाले कुछ युवाओं पर महाराष्ट्र में कुछ स्थानों पर कथित तौर पर मनसे कार्यकर्ताओं द्वारा हमला किया गया था, जो स्थानीय महाराष्ट्रियनों के लिए नौकरी की मांग कर थे। उन्होंने राज ठाकरे की गिरफ्तारी का भी विरोध किया था।
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औरंगाबाद पुलिस ने एक मई को शहर में एक रैली में उनके भाषण को लेकर मंगलवार को उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था। बता दें कि महाराष्ट्र में मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने के मामले को प्रमुखता से उठाकर राज ठाकरे लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं। इस संबंध में राज ठाकरे ने रविवार को कहा था कि अगर मस्जिदों से लाउडस्पीकर नहीं हटाया गया तो 4 मई से अजान के मुकाबले दोगुनी आवाज में हनुमान चालीसा बजाई जाएगी।
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